न मिले तो क़यामत नहीं है
ये न कहना मोहब्बत नहीं है
मुझको रखना सदा अपने दिल में
दूरियों से शिकायत नहीं है
दिल की बातें जुबां तक भी लायें
अपने घर की रवायत नहीं है
क्यों परेशां हो मेरे लिए तुम
मेरी किस्मत में जन्नत नहीं है
रोज़ी रोटी की है फ़िक्र इतनी
मुझको रोने की फुर्सत नहीं है
चढ़ गए इतने चेहरे पे चेहरे
जो दिखे वो हकीकत नहीं है
Monday, November 15, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
ReplyDeletebahot khub.........
ReplyDelete