Saturday, April 10, 2010

दिल की दिल से राह होती है



दोस्तों


बचपन में माँ की कही एक बात मुझे हमेशा याद रहती है और उनकी उस बात को मैं कई बार आजमा कर भी देख चुकी हूँ। बात सौ फ़ीसदी खरी है। वे कहती थीं - दिल की दिल से राह होती है। सिर्फ वही बातें सामने वाले को प्रभावित नहीं करतीं जो हमारे मुंह से निकल कर सामने वाले के कान तक पहुँचती हैं। बल्कि वो उन बातों से भी प्रभावित हो जाता है जो उसके लिए हमारा दिल सोच रहा होता है, भले हम वो बातें उससे अपने मुंह से ना कहें। यदि तुम दूसरे के लिए बुरा सोच रहे हो तो उसको इस बात का पता चल जाता है और इस वजह से वो भी तुमसे बुरा व्यवहार करने लगेगा। इसलिए हमेशा दूसरों के लिए अच्छा सोचो।


मैं माँ की इस बात पर हंसती थी की सामने वाले को भला कैसे पता चल सकता है के हमारे दिल में उसके लिए क्या ख़याल है?


एक दिन माँ ने मुझसे पूछा - स्कूल में तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त कौन है?


मैंने कहा - अनीता


माँ ने पूछा - और तुम्हारी लड़ाई किस से होती है?


मैंने कहा - नवनीत से।


माँ ने कहा - अच्छा आज जब तुम स्कूल जाओ तो अनिता के सामने आने के बाद तुम उसके लिए अपने दिल में बुरा बुरा सोचना। उसको कोसना और मन ही मन कहना के तुम उससे नफरत करती हो। पर उसको मुंह से कुछ मत कहना, बस उसके बारे में ऐसा सोचना। फिर देखना वो तुम्हारे साथ कैसा व्यवहार करती है।


जब मैं शाम को घर आई तो मेरा मुंह उतरा हुआ था। माँ ने पूछा - क्या हुआ?


मैंने कहा - आज जो तुमने कहा था मैंने वैसा ही अनीता के बारे में सोचा। मैंने उससे कुछ कहा भी नहीं पर आज उसने इंटरवल में मेरे साथ खाना ही नहीं खाया। अपना होमवर्क ही करती रही। बात भी ठीक से नहीं की।


माँ ने कहा - दिल की दिल से राह होती है। उसके दिल ने जान लिया था के तुम्हारा दिल उसके लिए क्या सोच रहा है। कल उसके बारे में अच्छा अच्छा सोचना फिर सब ठीक हो जायेगा। पर कल तुम नवनीत के बारे में भी अच्छा अच्छा सोचना फिर देखना उसका व्यवहार तुम्हारे लिए कैसा होता है।


मैंने दूसरे दिन वैसा ही किया। मुझे बहुत आश्चर्य हुआ के अनीता का व्यवहार तो मेरे साथ अच्छा हो ही गया, इंटरवल में नवनीत ने मेरे पास आ कर अपने टिफिन से मुझे भी खाने को दिया। उस दिन नवनीत मुझे अच्छी लगी। धीरे धीरे मेरी उससे भी गहरी दोस्ती हो गई। बचपन से निकले काफी समय हो गया पर माँ के इस मंत्र को मैं हमेशा याद रखती हूँ। और अगर मुझे लगता है के किसी से मेरे सम्बन्ध बिगड़ने वाले हैं तो मैं तुरंत इस मंत्र का इस्तेमाल कर लेती हूँ।


बात मजेदार है पर असरदार है।


दोस्तों आज मैंने आपके साथ एक बड़ा राज़ शेयर किया। आप भी आजमा कर देखना।


दिल की दिल से राह होती है, और वाकई होती है। ये ताक़त जानवरों में ज्यादा होती है तभी तो वे बिना बोले अपनी भावनायें साथी जानवरों तक पहुंचा सकते हैं। पर इंसान में भी ये ताक़त होती है, हम इस्तेमाल नहीं करते। कर लें तो बहुत सारी समस्यायें बिना कहे ही सुलझ जायें न? क्या ख़याल है आपका?

2 comments:

  1. दिल की दिल से राह होती है,मैं भी आजमाकर देखूंगा.., पर शुरुआत किससे करूँ.., यह समझ नहीं पा रहा हूँ...

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