Thursday, July 29, 2010

औरत की इज्ज़त के दाम लगा रहा है महिला मंत्रालय






प्रिय दोस्तों
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय कार्यस्थलो पर यौन उत्पीडन के संबंथ में जो नया कानून लाने की कोशिश में है वो एक संस्कारवान भारतीय महिला के लिए कितना लज्जादायक और नुकसानदेह है, इसका अनुमान सिर्फ एक बात से ही लग सकता है के इस कानून के मुताबिक अब किसी महिला से छेड़छाड़ करने पर पुरुष को जेल नहीं जाना पड़ेगा। उसकी घिनौनी हरकत के बदले उससे महिला को कुछ पैसे दिला दिए जायेंगे। दोस्तों अपने घर में अपनी माँ, बहन, बीवी वगैरा से पूछिए, जो किसी ऑफिस या फैक्ट्री इत्यादि में काम करती हैं के क्या उन्हें अपनी इज्ज़त पर हाथ डालने वाले पुरुष से पैसा लेना मंजूर है? मुझे मालूम है के कोई भी सम्मानित, संस्कारवान, लज्जाशील महिला अपनी इज्ज़त पर हाथ डालने वाले को जेल के सींखचों के पीछे ही देखना चाहेगी और उसकी इज्ज़त के दाम लगाने वालों का मुंह पर थूकना ही पसंद करेगी।

तो उठो माओं उठो बहनों
विरोध करो इस कानून का जो तुम्हारी इज्ज़त को पैसो से तोल रहा है।

4 comments:

  1. all counties follow this rule and a huge monetary compensation is given to the victim of sexual harassment and gender bais . such rules are very good because people only understand the language of money

    ab aatey haen sanskaarvaan honey ki baat par to jo samaaj kisi aurat ko jiska rape hota haen jeenae nahin daetaa us samaj mae agar aurat ko paesaa milaegaa to ismae sanskaar ki baat kehaan sae aagayee

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  2. मैं इस पर प्रतिक्रिया तब करूंगा जब मुझे कोई महिला विकाश मंत्रालय के मंत्री ,महिला आयोग के अध्यक्ष और महिलाओं के सम्मान के लिए कार्य कर रहे संस्थाओं के कर्ताधर्ताओं से यह पूछ कर बताये की क्या उनके साथ कोई रेप करेगा तो क्या कुछ रुपयों की सजा देकर उस रेपिस्ट को छोड़ देना ठीक रहेगा ? शर्मनाक है ऐसी सोच और ऐसा कानून जो व्यक्ति महिलाओं से छेड़खानी या रेप करता है वह निश्चय ही मानसिक रोगी होता है ऐसे रोगी आजकल धनवान ज्यादा है जिनका इलाज सिर्फ पैसों का जुरमाना नहीं बल्कि सख्त सजा ही उनका इलाज किया जा सकता है ,हाँ महिला को सरकार की तरफ से मानवीय सहायता के रूप में पुनर्वास किया जाना जरूरी बनाया जाना चाहिए और झूठे रेप के आरोपों में आरोप लगाने वाले को भी सजा का प्रावधान होना चाहिए | बेहद दर्दनाक है महिलाओं के कल्याण और सम्मान के बारे में ईमानदारी से नहीं सोचा जाना खासकर तब जब देश का राष्ट्रपति महिला हो और देश को चलाने का पूरा कंट्रोल भी एक महिला (सोनिया गाँधी ) के हाथ में हो |

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  3. YAUN SHOSHAN AUR RAPE DO ALAG ALG BAAT HAEN

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  4. aapka lekh sarahniya hai.. Rachna ji ki baat tarkheen lagi.. agar sirf paise se hi aurat ki izzat ko toula jane laga to raeeson ki ayyash aulaaden sadkon par maa behno ki izzat se khelti nazar aayengi..

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